Allergic Rhinitis ये एक प्रकार की नाक की एलर्जी होती है I इसके लक्षण – नाक से पानी आना, नाक में खुजली होना, नाक से पानी टपकने के बाद गले में गिरना या बाहर गिरना, आँखों में लाली आना जलन होना, नाक में सूजन आना या नाक से सांस नहीं आना, नाक में कोई भी गंध नहीं आना और कभी कभी नाक में गांठे बनना, बहुत ज्यादा छींके आना I ये सारे लक्षण (Allergic Rhinitis) के होते है I यह बीमारी एक तरीके से एलर्जी का ही स्वभाव है I जैसे फेफड़ो में हमारे अस्थमा की बिमारी हो जाती है वैसे ही नाक में (Allergic Rhinitis) होता है I इसमें नाक हमारी या तो धूल – धुएं से या ठण्ड – गरम से, मौसम के बदलाव से या खाने पीने के कुछ परिवर्तन से बहुत ज्यादा रियेक्ट करने लग जाती है I इसकी वजह से नाक में सूजन आती है, लाली आती है, पानी आता है और इस प्रकार के लक्षण निकल कर आते है I यह कोई गंभीर समस्या नहीं है I शुरुआत में अगर इसका इलाज हो तो बहुत अचे रिजल्ट आते है I नाक में डालने के स्प्रे एलर्जी की टेबलेट ये सब चलायी जाती है I हालांकि इसका इलाज लम्बे टाइम तक चलाना पड़ता है I साल भर से लेके डेढ़ साल तक भी इलाज करना पड सकता है I किन्ही लोगो को ये सारी जिंदगी भी परेशान कर सकती है I इसमें जो कम्प्लीकेशन आने के जो चान्सेस होते है वो तब होते है जब हम इसमें पहले डायगनोसिस और इलाज नहीं करेंगे I जैसे नाक में पोलिप बनना I पोलिप एक तरीके से नाक में गाँठ होती है जो हमें नाक से सांस लेने में रोकती है I साइनस का हिस्सा जो नाक के साइड की हड्डियां जो खाली जगह होती है उसके अंदर वह पोलिप भर जाते है जिसका बाद में ऑपरेशन करके ही इलाज किआ जा सकता है I अगर हम एलर्जी को शुरुआत में ही रोक लेते है तो ये पोलिप बनने की संभावना बहुत कम हो जाती है I इसके अलावा एलर्जी की एक और समस्या होती है I लम्बे समय तक अगर हमारी नाक में गाँठ बानी रहे तो हमारी सुगंध या कोई भी प्रकार की गंध को सूंघने की क्षमता परमानेंट भी ख़तम हो सकती है I वैसे इसमें इलाज का बहुत ही अच्छा असर रहता है I अगर आपको या आपके परिवार को बताये गए लक्षणों में से कोई भी समस्या हो तो इसकी जांच जरूर करवाएं I इसमें बहुत ही समान्य जांचे होती है I इसके अंदर पहले हम नाक को आँख से देखते है अगर उसमे कुछ दिक्क्त महसूस होती है तो उसके बाद एंडोस्कोपी की जाती है I एंडोस्कोपी एक प्रकार से नाक की दूरबीन द्वारा जांच होती है I एंडोस्कोपी करने से पहले नाक में पट्टी डालकर नाक को सुन किआ जाता है उसके बाद नाक में एण्डोस्कोप डालकर चेक किआ जाता है कोई गाँठ निकली या कोई और दिक्क्त नज़र आती है तो उसका सी.टी. स्कैन कराया जाता है I नाक का साइनस का सी.टी. स्कैन देख कर ये पता लगाया जा सकता है की नाक में कोई गंभीर दिक्क्त तो नहीं I कभी कभी इसकी प्रॉब्लम कान में नज़र आती है I कान में खुजली होना या कान में बहरापन आना या कान से पानी आना I अगर इस तरीके की कोई भी प्रॉब्लम है तो इससे नज़र अंदाज़ न करे और इसका वक़्त रहते ही डायगनोस और इलाज करवाएं I
धन्यवाद I